जिसको मैंने था प्यार किया
पाया जग में, कुछ नहीं मिला,
रह जाये सब का सभी यहीं
जो अनचाहा है वही दिला !
जीवन की बाती बुझने को
हंसके दो विदा अब न रोको
अधिकार से ज्यादा पाया है
लौटा दूँ खुशी से न टोको !
पथ बीहड़ हो या अति दुर्गम
थम जाएँ न कदमों के स्वर,
व्याकुल अंतर में प्यास लिये
बढ़ते जाना है डगर डगर !
जीवन की असलियत को बताती पंक्तियाँ ----जिसको मैंने था प्यार किया
ReplyDeleteपाया जग में, कुछ नहीं मिला,
रह जाये सब का सभी यहीं
जो अनचाहा है वही दिला !