जो मिला जितना मिला पर्याप्त है मेरे लिये,
तू यहीं मेरे निकट
मैं हूँ सदा तेरे लिये !
कितने आँसूं रोया यह दिल
सिसकी कितनी गुम गयी भीतर,
सी लिये अधर इस तरह यहाँ
यह आह ! सुन सके कोई गर !
कही अनकही दिल की बातें
गीतों में चुपचाप पिरोया,
रचा बसा अंतर में जो था
भाव सुधा में उसे डुबोया !
भाव गीत में पिरो कर खिल उठे हैं!
ReplyDeleteतू यहीं मेरे निकट
ReplyDeleteमैं हूँ सदा तेरे लिये !---बहुत सुंदर प्रार्थना
aneetaji,
ReplyDeletesarahniy sahity shrijan .
rachna ka antim band bahut sundar laga.
bahut sundar .
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