Wednesday, December 29, 2010

भावांजलि

जीवन के प्याले ने बांटा
कितना रस कितना मधु हमको
प्रेम उजाला, प्रेम सुधा भर
निहारती है मृत्यु देखो !

कुछ खोने कुछ पाने के क्षण
पल-पल जीवन चुकता है
आशा और निराशा के क्षण
लिये अंत को चलता है !

मृत्यु का आंचल कितना मोहक
एक दृष्टि में अपनाएगी
जीवन खेले आंखमिचौली
यह पल में गले लगायेगी !

2 comments:

  1. सुन्दर अभिव्यक्ति, साधुवाद.

    ReplyDelete
  2. सुन्दर अभिव्यक्ति

    आप को नवबर्ष की हार्दिक शुभ-कामनाएं !
    आने बाला बर्ष आप के जीवन में नयी उमंग और ढेर सारी खुशियाँ लेकर आये ! आप परिवार सहित स्वस्थ्य रहें एवं सफलता के सबसे ऊंचे पायदान पर पहुंचे !

    नवबर्ष की शुभ-कामनाओं सहित

    संजय कुमार चौरसिया

    ReplyDelete