आज ईश सँग खेलें होली
आज ईश सँग खेलें होली
आज कान्ह सँग करें ठिठोली !
जब से तुम सँग जोड़ा नाता
रंगों का साथ है भाता
मन निर्मल इक सुर में गाता
हरपल रंगमय होता जाता !
आज भरी है अपनी झोली
आज शम्भु सँग खेलें होली !
अनुभव का गुलाल लगाया
प्रीत का अबीर बिखराया
रंग सुनहरा छिड़का तुमने
जैसे जामे खुशी पिलाया !
आज चली मस्तों की टोली
आज गुरु सँग खेलें होली !
सेवा का है रंग रुपहला
प्रभु भक्ति का रंग है नीला
रंग गुलाबी में भीगा जो
अंतर हो जायेगा पीला !
आज लगाएँ चन्दन रोली
आज श्याम सँग खेलें होली
हरा रंग बरसाया तुमने
शांति नीर बहाया तुमने
भीतर की ऊर्जा जगाई
रंग श्वेत जब पाया हमने !
आज प्रेम की मदिरा घोली
आज राम सँग खेलें होली !
नयनों से झरता अनुराग
मस्ती से खेलें हम फाग
थिरकन कदमों की यह बोले
कब से सोया अब तो जाग !
चलो बना लें सूरत भोली
आज ईश सँग खेलें होली !
अनिता निहालानी
१८ मार्च २०११
कान्हा प्रेममयी होली की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (19.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
ReplyDeleteचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
बहुत अच्छी लगी ईश्वर प्रेम में डूबी होली | धन्यवाद|
ReplyDeleteहोली की बहुत शुभकामनाएँ|
होली की शुभकामनायें...... हैप्पी होली
ReplyDeleteआपने बहुत सुन्दर शब्दों में अपनी बात कही है।
ReplyDeleteशुभकामनायें।
कमाल की सरलता है ...
ReplyDeleteमुझे नहीं लगता कि इस रचना में आपने कुछ भी प्रयास किया होगा ! लगता है शब्द फूट पड़े होंगे,माँ शारदा की कृपा है आप पर अनीता जी !
शुभकामनायें होली पर !
बहुत सुन्दर रचना ....इसमें पीले रंग से लिखा हुआ पढने में कठिनाई हुई ....इसका रंग बदल दें तो पाठकों को सुविधा रहेगी ...
ReplyDeleteहोली की शुभकामनाएँ
सुंदर होली गीत की बधाई
ReplyDeleteसुरक्षित , शांतिपूर्ण और प्यार तथा उमंग में डूबी हुई होली की सतरंगी शुभकामनायें ।