जिसने इस पल को पकड़ लिया वही तो इस पल की गिनती से मुक्त हो गया
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (05.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
आपका यह ब्लॉग पहली बार पढ़ा ..कई रचनाएँ पढ़ गयी ...गहन चिंतन को समेटे हुए ...बहुत अच्छी लगी सारी कविताएँ ...
देखो, पल में यह जाता है !kitni sachchi baat kah di pal hi men...
सुंदर भावाभिव्यक्ति...
बहुत अच्छी लगी आपकी कविता . बधाई
बहुत ही सुन्दर ।
बहुत गहन चिंतन..हर पल को पकडना ही जीवन में सफलता का राज है..बहुत सुन्दर
जिसने इस पल को पकड़ लिया वही तो इस पल की गिनती से मुक्त हो गया
ReplyDeleteआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (05.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
ReplyDeleteचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
आपका यह ब्लॉग पहली बार पढ़ा ..कई रचनाएँ पढ़ गयी ...गहन चिंतन को समेटे हुए ...बहुत अच्छी लगी सारी कविताएँ ...
ReplyDeleteदेखो, पल में यह जाता है !
ReplyDeletekitni sachchi baat kah di pal hi men...
सुंदर भावाभिव्यक्ति...
ReplyDeleteबहुत अच्छी लगी आपकी कविता . बधाई
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर ।
ReplyDeleteबहुत गहन चिंतन..हर पल को पकडना ही जीवन में सफलता का राज है..बहुत सुन्दर
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