Friday, March 18, 2011

आज ईश सँग खेलें होली


आज ईश सँग खेलें होली
आज कान्ह सँग करें ठिठोली !

जब से तुम सँग जोड़ा नाता
रंगों का साथ है भाता
मन निर्मल इक सुर में गाता
हरपल रंगमय होता जाता !

आज भरी है अपनी झोली
आज शम्भु सँग खेलें होली !

अनुभव का गुलाल लगाया
प्रीत का अबीर बिखराया
रंग सुनहरा छिड़का तुमने
जैसे जामे खुशी पिलाया !

आज चली मस्तों की टोली
  आज गुरु सँग खेलें होली !

सेवा का है रंग रुपहला
प्रभु भक्ति का रंग है नीला
रंग गुलाबी में भीगा जो
अंतर हो जायेगा पीला !

आज  लगाएँ चन्दन रोली
आज श्याम सँग खेलें होली

हरा रंग बरसाया तुमने
शांति नीर बहाया तुमने
भीतर की ऊर्जा जगाई
रंग श्वेत जब पाया हमने !

आज प्रेम की मदिरा घोली
 आज राम सँग खेलें होली !

नयनों से झरता अनुराग
मस्ती से खेलें हम फाग
थिरकन कदमों की यह बोले
कब से सोया अब तो जाग !

चलो बना लें सूरत भोली
आज ईश सँग खेलें होली !


अनिता निहालानी
१८ मार्च २०११   









8 comments:

  1. कान्हा प्रेममयी होली की हार्दिक शुभकामनायें।

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  2. आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (19.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
    चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

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  3. बहुत अच्छी लगी ईश्वर प्रेम में डूबी होली | धन्यवाद|
    होली की बहुत शुभकामनाएँ|

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  4. होली की शुभकामनायें...... हैप्पी होली

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  5. आपने बहुत सुन्दर शब्दों में अपनी बात कही है।
    शुभकामनायें।

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  6. कमाल की सरलता है ...

    मुझे नहीं लगता कि इस रचना में आपने कुछ भी प्रयास किया होगा ! लगता है शब्द फूट पड़े होंगे,माँ शारदा की कृपा है आप पर अनीता जी !

    शुभकामनायें होली पर !

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  7. बहुत सुन्दर रचना ....इसमें पीले रंग से लिखा हुआ पढने में कठिनाई हुई ....इसका रंग बदल दें तो पाठकों को सुविधा रहेगी ...


    होली की शुभकामनाएँ

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  8. सुंदर होली गीत की बधाई

    सुरक्षित , शांतिपूर्ण और प्यार तथा उमंग में डूबी हुई होली की सतरंगी शुभकामनायें ।

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