कोई हमसा भीतर रहता
गहरी निद्रा में सोये हम
तब भी भीतर जागे है वह,
बड़े धैर्य से करे प्रतीक्षा
हर सुख-दुःख का साथी है वह !
अंतिम स्वप्न वही भेजता
नींद टूटती कुछ जग जाते,
पर कैसे नादान बने हम
करवट बदल-बदल सो जाते !
जाने कब से आस लगाये
कोई हमसा भीतर रहता,
एक अनोखे लोक का वासी
हँस कर हर नादानी सहता !
नहीं एक बंटे टुकड़ों में
मन में द्वंद्व सदा रहता है,
बोलो किससे बात करूं मैं
भीतर से कोई कहता है !
एक बनो और घर आ जाओ
स्वप्न लोक से बाहर आओ,
तुम ही तो मिल सकते मुझसे
अपने इस हक को तुम पाओ !
अनिता निहालानी
१६ अप्रैल २०११
एक बनो और घर आ जाओ
ReplyDeleteस्वप्न लोक से बाहर आओ,
तुम ही तो मिल सकते मुझसे
अपने इस हक को तुम पाओ !
बेहतरीन भावपूर्ण रचना के लिए बधाई।
सुन्दर कविता |
ReplyDelete"अंतिम स्वप्न वही भेजता
ReplyDeleteनींद टूटती कुछ जग जाते,
पर कैसे नादान बने हम
करवट बदल-बदल सो जाते !"
जग कर भी जो सो जाए उस नादान को कैसे जगाया जाए..
"जाने कब से आस लगाये
कोई हमसा भीतर रहता,
एक अनोखे लोक का वासी
हँस कर हर नादानी सहता !"
सार गर्भित कविता...
आपकी कई कवितायेँ पढ़ीं
ReplyDeleteकुछ पढनी बाकी रह गयीं...
बहुत सुन्दर भावों से पिरोया है आपने उन्हें..
आभार !!
अंतिम स्वप्न वही भेजता
ReplyDeleteनींद टूटती कुछ जग जाते,
पर कैसे नादान बने हम
करवट बदल-बदल सो जाते !
apne se khyaal
अंतिम स्वप्न वही भेजता
ReplyDeleteनींद टूटती कुछ जग जाते,
पर कैसे नादान बने हम
करवट बदल-बदल सो जाते !
हर प्राणी में बसता है ..सुन्दर रचना
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (18-4-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
बहुत अच्छी पोस्ट, शुभकामना,
ReplyDeleteमैं सभी धर्मो को सम्मान देता हूँ, जिस तरह मुसलमान अपने धर्म के प्रति समर्पित है, उसी तरह हिन्दू भी समर्पित है. यदि समाज में प्रेम,आपसी सौहार्द और समरसता लानी है तो सभी के भावनाओ का सम्मान करना होगा.
यहाँ भी आये. और अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ताकि धार्मिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सके.समाज में समरसता,सुचिता लानी है तो गलत बातों का विरोध करना होगा,
हो सके तो फालोवर बनकर हमारा हौसला भी बढ़ाएं.
मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.