tag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post380977671900080089..comments2024-01-04T02:40:00.521-08:00Comments on श्रद्धा सुमन: महावाक्य विचारAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post-66261523240061535622011-11-21T00:23:13.561-08:002011-11-21T00:23:13.561-08:00वंदना जी व धीरेन्द्र जी, आभार श्रद्धासुमन पर आने क...वंदना जी व धीरेन्द्र जी, आभार श्रद्धासुमन पर आने के लिये !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post-9064017161585794992011-11-18T08:56:11.265-08:002011-11-18T08:56:11.265-08:00सुंदर सत्य विचारों से सजी उत्तम पोस्ट...सुंदर सत्य विचारों से सजी उत्तम पोस्ट...धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post-27271891774310614432011-11-17T07:52:32.737-08:002011-11-17T07:52:32.737-08:00जैसे गुण से गुणी पृथक नहीं, ब्रह्म जगत से पृथक नही...जैसे गुण से गुणी पृथक नहीं, ब्रह्म जगत से पृथक नहीं है<br />आरोपित है अधिष्ठान में, भ्रम से वही भास रहा है<br />कितनी सच्ची बात है... गूढ़ है मगर किसी न किसी पल हर किसी को इस सत्य की अनुभूति अवश्य होती है!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post-30623661486435179032011-11-17T04:12:28.000-08:002011-11-17T04:12:28.000-08:00यदि सत्य होता विश्व तो, सुषुप्ति में भी प्रतीति हो...यदि सत्य होता विश्व तो, सुषुप्ति में भी प्रतीति होती <br />खो जाता है यह निद्रा में, स्वप्न समान अनुभूति होती<br /><br />जैसे गुण से गुणी पृथक नहीं, ब्रह्म जगत से पृथक नहीं है<br />आरोपित है अधिष्ठान में, भ्रम से वही भास रहा है<br /><br />जैसे चांदी दिखे सीपी में, जगत ब्रह्म में नजर आता है<br />इदं जगत में इदं ब्रह्म है, जगत भ्रम से देखा जाता इन तीन दोहो मे ही सारा ज्ञान समाया है और यही शाश्वत सत्य है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com