tag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post8956165655908664359..comments2024-01-04T02:40:00.521-08:00Comments on श्रद्धा सुमन: शिष्य विदा, अनुबंध चतुष्टय, ग्रंथ प्रशंसाAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post-61497072003802672702019-02-07T23:12:26.316-08:002019-02-07T23:12:26.316-08:00स्वागत व आभार ! स्वागत व आभार ! Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post-42219350437877596282019-02-03T02:14:58.019-08:002019-02-03T02:14:58.019-08:00 बहुत सुंदर प्रयास है आपके प्रयास के लिए कोटि-कोटि... बहुत सुंदर प्रयास है आपके प्रयास के लिए कोटि-कोटि नमन और शिष्य की तरफ से एक ब पंक्ति<br /><br />जिसकी माया से अखिलेश जगत वसवर्तित है़ ब्रह्मादि सुरा।<br />यह सकल सृष्टि मानो ब्रह्म रचित को गोचर ऊर्णातंतु पुरा। ।।<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/15435792434670241438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post-43627020215944883352012-03-20T02:00:13.900-07:002012-03-20T02:00:13.900-07:00आपका सुझाव बहुत अच्छा है, मैं इस पर अवश्य अमल करने...आपका सुझाव बहुत अच्छा है, मैं इस पर अवश्य अमल करने का प्रयास करूँगी, आभार !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post-802880058464191972012-03-17T08:09:27.348-07:002012-03-17T08:09:27.348-07:00बहुत सुन्दर प्रयोग है। आपने सुझाव मांगा है - हर पो...बहुत सुन्दर प्रयोग है। आपने सुझाव मांगा है - हर पोस्ट के आरम्भ में यदि ग्रंथ के विषय, कुल श्लोक, सम्भावित रचनाकाल एवम अन्य सम्बन्धित जानकारियाँ भी जोड़ दें तो हर पोस्ट न केवल संग्रहणीय हो जाये बल्कि लोग उनका उपयोग सन्दर्भ के रूप में भी कर सकेंगे। आभार!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post-78332980204696256782012-03-15T07:15:01.885-07:002012-03-15T07:15:01.885-07:00aabhaar :)aabhaar :)Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post-86136318200607360592012-03-15T01:03:09.315-07:002012-03-15T01:03:09.315-07:00सूर्य को ढका हम कहते, चाहे मेघ ढके आँखों को
ब्रह्म...सूर्य को ढका हम कहते, चाहे मेघ ढके आँखों को<br />ब्रह्म को न ढक सकता कोई, बुद्धि के ही गुण हैं दोनों ...<br /><br />सच कहा है ... आँखें बंद करके कहना ही रौशनी नहीं है ... बहुत सुन्दर अर्थ पूर्ण ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post-37876319344898252842012-03-14T10:31:00.960-07:002012-03-14T10:31:00.960-07:00आपकी ही पंक्ति आपकी इस सफलता पर आपको समर्पित करता ...आपकी ही पंक्ति आपकी इस सफलता पर आपको समर्पित करता हूं ..<br />अति निकट ही ब्रह्म सिंधु है, जिसमें भरा है अमृत सा जल<br />शंकराचार्य की मोक्ष प्रदायिनी, वाणी देती है अद्भुत फलमनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post-59158195328437494142012-03-14T06:46:53.703-07:002012-03-14T06:46:53.703-07:00बहुत सुंदर और श्रेष्ठ प्रयत्न .बहुत सुंदर और श्रेष्ठ प्रयत्न .geetachandnahttps://www.blogger.com/profile/14564664486059334886noreply@blogger.com