tag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post4563956844210243386..comments2024-01-04T02:40:00.521-08:00Comments on श्रद्धा सुमन: शहंशाहों की रीत निरालीAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post-86236906889697120292011-05-10T21:23:18.595-07:002011-05-10T21:23:18.595-07:00श्राद्ध, दान, स्नान पुण्य हित
किया सभी कुछ तुझे मा...श्राद्ध, दान, स्नान पुण्य हित<br />किया सभी कुछ तुझे मान के,<br />सेवा के बदले तू मिलता<br />झेले दुःख भी यही ठान के !<br />बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post-62866814800440354952011-05-10T02:22:55.583-07:002011-05-10T02:22:55.583-07:00पूरी कविता गीत की धुन में पगी हुयी है, प्रत्येक पर...पूरी कविता गीत की धुन में पगी हुयी है, प्रत्येक परिच्छेद में एक झंकार है किन्तु इन पंक्तियों ने मन मोह लिया -<br />किन्तु रहा तू दूर ही सदा<br />अलख, अगाध, अगम, अगोचर<br />भीतर का सूनापन बोझिल<br />ले जाता था कहीं डुबोकर !धीरेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/12020246777509347843noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794863634852020748.post-20727480424705823472011-05-09T07:49:42.829-07:002011-05-09T07:49:42.829-07:00इच्छाओं से हों जब खाली
तभी समाएगा वनमाली,
स्वयं से...इच्छाओं से हों जब खाली<br />तभी समाएगा वनमाली,<br />स्वयं से स्वयं ही मिल सकता<br />शहंशाहों की रीत निराली !<br /><br />.... गहन चिंतन से ओतप्रोत सुन्दर भावमयी रचना..आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.com